कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा पर अब सियासत तेज हो गई है। भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में हिंसा वाले क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है।
सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा, नादिया और साउथ 24 परगना में फोर्स तैनात करने की मांग की है। वक्फ कानून के विरोध के नाम पर बंगाल के इन चार जिलों में आतंक फैलाने का काम किया जा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। इस हिंसा की वजह से हिंदुओं को पलायन करना पड़ रहा है।"
मुर्शिदाबाद में हाई कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय बलों की तैनाती पर उन्होंने कहा, "एक चीज साफ है कि पुलिस ने आतंकवादियों को छोड़ दिया है। पुलिस के सामने सारी घटनाएं होती रहीं और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने खड़े रहे। इसका सबसे बड़ा कारण होम मिनिस्टर हैं, जिन्हें अपने वोट बैंक की चिंता है। उन्हें बंगाल की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। इसके चलते वहां से सबको भागना पड़ रहा है। घर, गाड़ी और सब कुछ जलाया जा रहा है। मैं हाई कोर्ट का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया।"
टीएमसी सांसद बापी हलदर के विवादित बयान 'वक्फ प्रॉपर्टी पर डाली नजर तो आंखें निकाल लेंगे' पर ज्योतिर्मय सिंह महतो ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "उनको शायद ज्ञात नहीं है कि संसद में जो कानून पास हो जाता है, उसके खिलाफ कुछ नहीं हो सकता है। उनकी धमकी से हिंदुस्तान की जनता डरने वाली नहीं है। मुझे लगता है कि वक्फ पर वोटिंग के दौरान वह भी संसद में नहीं थे। टीआरपी बटोरने और दीदी की गुड बुक में आने के लिए वह ऐसा बोल रहे हैं। मैं उनको भी चेतावनी देता हूं कि ये कानून लागू होकर ही रहेगा, हिम्मत है तो उसको हटा कर दिखाओ। मैं दावे के साथ कहता हूं कि मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कर्नाटक में 25 हिंदू नेता ऐसे हैं, जिन्होंने वक्फ प्रॉपर्टी पर कब्जा किया है। मुझे लगता है कि ऐसे ही नेता बंगाल में भी होंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "बंगाल अभी भी हिंदुस्तान के अंदर है और बंगाल में लोकतंत्र है। देश की प्रधानमंत्री ममता नहीं, बल्कि नरेंद्र मोदी हैं और गृह मंत्री अमित शाह हैं। उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए।"